ईसु जुवाब दियो, “अर ज्यो तु परमेसर का बरदान न्अ जाणती अर या बी जाणती क वो कुण छ ज्यो थन्अ या खेर्यो छ क, ‘मन्अ पाणी पा’ तो तु उसुं मांगती अर वो थन्अ जन्दगी देबाळो पाणी देतो।”
पण ज्यो ई पाणी मंसुं पिव्अला ज्यो म वान्अ देऊलो, वान्अ फेर कद्या बी तसाई कोन लाग्अली। पण ज्यो पाणी म वान्अ देऊलो वो वाम्अ एक झरण्यो बण जाव्अलो ज्यो सदामेस की जन्दगी बेई उफणतो रेव्अलो।”
अच्छया तो थे या बतावो अपुल्लोस कांई छ अर पौलुस कांई छ? म्हे तो खाली वे हाळी छा ज्यांसुं थे बस्वास न्अ मान्या छो। म्हा मं सुं हरेक वेई काम कर्या छ ज्यो परबु मान्अ सुंप्यो छो।
बा आवाज या खेरी छी क, “तु ज्यो देखर्यो छ, बीन्अ एक कताब मं मांडतो जा अर फेर बीन्अ इफिसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थुआतीरा, सरदीस, फिलादेलफिया अर लौदीकिया की सातू बस्वास्या की टोळ्यां कन्अ खन्दा दे।”
अर ज्यो जुग-जुग जीवतो छ, ज्यो धरती अर आम्बर की सबळी चीजान्अ, धरती अर धरती माळ्अ की अर सागर अर ज्योबी बीम्अ छ, बा सबकी रचना कर्यो छ, बी परमेसर की सोगन खार वो सरगदूत खियो, “अब और साउटी बार कोन लाग्अली।
“लौदीकिया का बस्वास्या की टोळी का सरगदूत न्अ या माण्ढ; ज्यो ‘आमीन’ छ, बस्वास क लायक छ अर सांचो गुवा छ, ज्यो परमेसर की सृष्टी को राजो छ। वो अस्यान खेव्अ छ,