प्रकासित वाक्य 21:3 - चोखो समचार (ढुंढाड़ी नया नियम)
3 फेर म सिंहासन मंसुं एक जोरकी आवाज न्अ या खेती सुण्यो, “अब परमेसर को घर मनखा क्अ बीचम्अ छ अर वो बाकी लार रेव्अलो। अर वे बीकी परजा होव्अला अर खुद परमेसर बाको परमेसर होव्अलो।
पण वे एक उत्तम देस की मनसा रांख्अ छ ज्यो सरग छ। ई बजे सुंई परमेसर बाको परमेसर खुवाबा सुं सरमिन्दा कोन्अ होव्अ। क्युं क वो बांक्अ ताणी एक नगर त्यार कर्यो छ।
फेर परबु खेव्अ छ, क ज्यो करार म बा दना क पाछ्अ इजरायल्या की लार करूलो बा या छ क, म म्हारा निमा न्अ बांका मन मं बसाऊलो, अर बांका हीया माळ्अ मांडूलो, अर म बांको परमेसर होऊलो अर वे म्हारा लोगबाग होव्अला।
फेर म जोरसुं एक आकासवाणी हेती सुण्यो, “अब परमेसर को उद्धार आयो छ। अब परमेसर बीकी सक्ती न्अ राजा का रूप मं दखायो छ। बीको मसीह बीकी सक्ति न्अ दखायो छ, क्युं क मसी का बस्वास्या माळ्अ दोष लगाबाळो, ज्यो रात-दन परमेसर क साम्अ वाप्अ दोष लगाव्अ छो, बिन्अ धक्को देर नीच्अ पटक दिया।