21 बारा फाटक बारा मोत्यां का बणेड़ा छा, हरेक फाटक एक-एक मोती को बणेड़ो छो। नगर की गळ्यां नखरर कांच की जस्यान चोखा सोना सुं बणेड़ी छी।
बा लुगाई बेंगणी अर लाल रंग का लत्ता पेर मेली छी। बा सोना, मेंगा रतन अर मोती पेर मेली छी। बा बीका हाथ मं सोना को कटोरो ले मेली छी। वो कटोरो बुरी चीजा अर बीकी कामवासना की चीजा सुं भरेड़ो छो।
खेव्अ छ, ‘कतरो बरो, कतरो बरो, ज्यो ई महानगरी बेई होयो छ! बा चोखा मलमल, बेंगणी, लाल रंग का लत्ता पेरअ छी! अर हीरा, मोती जड़ेड़ा सोना का गेणा पेरअ छी।
ज्यो सरगदूत मंसुं बतळार्यो छो बीकन्अ बी नगर, बीका फाटक अर बीकी डोळी न्अ नापबा क्अ ताणी एक सोना को डण्डो छो।
बीकी डोळी मणी सुं बणेड़ी छी। अर वो नगर नखरर कांच की जस्यानका चोखा सोना को छो।
नगर की खास गळ्यां क गाब्अ सुं होर बेरी छी। नन्दी की दोनी तीरां प्अ जन्दगी का रूंखड़ा उगमेल्या छा। वाप्अ हरेक बरस बारा फसला लाग्अ छी। उंक्अ हरेक रूंखड़ा प्अ हर मिना एक फसल लाग्अ छी अर वा रूंखड़ा का पत्ता सबळी जात्या का मनखा न्अ निरोगो करबा बेई छा।
सिंहासन क साम्अ नखरर कांच की जस्यान सागर फेलेड़ो छो। सिंहासन क साम्अ अर दोनी ओड़ी च्यार जीवता जीव छा। बांक्अ आग्अ पाछ्अ आंख्या ई आंख्या छी।