21 म बीन्अ मनफराबा को मोको दियो छु पण बा व्यभिचार सुं मन फराबो कोन छाव्अ।
पण इम्अ कांई छ अर ज्यो परमेसर खुदका रोष न्अ दखाबा बेई अर खुदकी सक्ती दखाबा बेई वा मनखा की, ज्यो रोष का काम का छा अर ज्यो नास होबा बेई छा, घणी थरचा सुं सेन कर्यो।
ये बा मनखा की आत्मा छ ज्योबी पेल्यां की बगत मं परमेसर को खियो कोन मान्या छा, जद नूहा जाज बणार्यो छो अर परमेसर थावस रांखर बाठनाळर्यो छो। अर जिम्अ बेठर थोड़ाई मनख मतबल आठ मनख पाणी सुं बचग्या छा।
अर आपणा परबु की थावस न्अ उद्धार समझो, जस्यान आपणो लाड़लो भाई पौलुस बी थान्अ बी ज्ञान सुं माण्ढ्यो छ, ज्यो बीन्अ मल्यो छ।
परबु खुदकी परतिज्ञा का बारा मं उंघ्अ कोन्अ, जस्यान कोई समझ्अ छ, पण थांकी बजेसुं थावस रांख्अ छ अर या कोन छाव्अ क कोई नास हो जाव्अ, पण सबळा न्अ पछतावो करबा को मोको मल जाव्अ।
बांकी खुदकी पीड़ा अर छाला की बजेसुं वे सरग का परमेसर की नन्दा तो कर्या पण वांका पापा सुं पाछा कोन फरया।
अर लोगबाग जोरकी गरमी सुं भळसबा लागगा। वे परमेसर की नन्दा करबा लागग्या क्युं क ये विपत्या परमेसर कांई बसम्अ छ। पण ब वांका पापा सुं पाछा कोन फरया अर परमेसर की महमा कोन कर्या।