पण ज्दया वो ईका बारा मं बच्यार कर'ईर्यो छो, तो सपना मं परबु को सरगदूत दर्साव देर खियो, “ओ! यूसुफ, दाऊद का छोरा, मरियम सुं बियाऊ करबा सुं मत ड़रप्अ क्युं क ज्यो बाळक उंका पेट मं छ वो पवितर-आत्मा की ओडीसुं छ।
लाड़ो वोई छ जिन्अ लाड़ी मल्अ छ। पण लाड़ा को भायलो ज्यो उंकी आवभगत मं उबो रेव्अ छ जद्या वो लाड़ा की आवाज सुणअ छ तो घणो राजी होव्अ छ। म्हारी याई खुसी अब पूरी होई छ।
क्युं क जस्यान परमेसर थांकी चन्ता करअ छ वस्यानई म बी थांकी चन्ता करू छु अर थे पवितर कुंवारी छोरी की जस्यान छो ज्यांको बियाव म मसी की लार करबा को करार कर्यो छु।
उंई बगत एक बड़ो भुकम्प आयो अर नगर को दसवो हस्सो ढसगो। बी भुकम्प सुं सात हजार लोगबाग मरग्या। अर ज्यो मरबा सुं बचग्या वे डरपर सरग का परमेसर की महमा की बड़ाई करबा लागग्या।
फेर ज्यां सात सरगदूता कन्अ सात आखरी विपत्या सुं भरया सात कटोरा छा, बाम्अ सुं एक म्हारअ कन्अ आर खियो, “अण्डअ आ, म तन्अ लाड़ी दखाऊ, मतबल उण्णेठा की लुगाई।”