16 बीका लत्ता अर जांघ माळ्अ यो मण्ढर्यो छो, “सबळा राजा को राजो अर मालिका को मालिक।”
“फेर राजो वान्अ जुवाब मं खेवलो, ‘म थान्अ सांची खेर्यो छु ज्दया बी थे म्हारा भोळा-ढाळा भाया मंसुं एक बेई बी कोई-कांई कर्या तो थे वो म्हारअ बेई ई कर्या छा।’
जिन्अ वो परम धनै, एक छतर, राजा को राजो अर सम्राटा को परबु एकधम चोखी बगत आया सुं प्रगट कर देव्अलो।
वे उण्णेठा सुं लड़ाई करअला पण उण्णेठो बीका टाळेड़ा अर बस्वास क लायक बस्वास्या की लार बान्अ हरा देव्अलो। क्युं क वो सबळा राजा को राजो अर मालिका को बी मालिक छ।”
जीक्अ कान होव्अ, वो सुणले क आत्मा बस्वास्या की टोळी सुं कांई खेव्अ छ। ज्यो जय पाव्अलो बीन्अ म सरग मं लुखेड़ा मन्ना मंसुं देऊलो। म बीन्अ एक धोळो भाटो देऊला, जी माळ्अ एक नयो नांऊ मण्ढेड़ो हेव्अलो। बी नांऊ न्अ जीन्अ दियो जाव्अलो बीक्अ अलावा कोई कोन जाण पाव्अलो।”