अब म थारअ कन्अ आर्यो छु, म संसार मं ओर कोन्अ रेऊलो, पण ये संसार मं रेव्अला। ह पवितर बाप! थारा नांऊ की सक्ति सुं बाकी रुखाळी कर। ज्यो नांऊ तु मन्अ दियो छ, जिसुं वे बी एक हो सक्अ जस्यान तु अर म एक छा।
पण आपा ईसु न्अ ज्यो सरगदूता सुं थोड़ोई कम कर्योग्यो छो, बीन्अ मोत की पीड़ा भोगबा की बजेसुं महमा अर आदर को मुकुट पेर्यो देखां छा। क परमेसर की दीया सुं हरेक मनख बेई मोत को सुवाद चाख्अ।
ज्यो जीत्अलो, बीन्अ म परमेसर का मन्दर को खम्बो बणाऊलो अर वे कद्या बी उण्डअ सुं बारअ कोन जाव्अला। अर म बी माळ्अ म्हारा परमेसर को नांऊ अर परमेसर की नगरी नया यरूसलेम को ज्यो सरग सुं उतरबाळो छ बीको नांऊ अर म्हारो नयो नांऊ मांडूलो।
जद म देख्यो तो म्हारअ साम्अ एक सफेद घोड़ो छो। घोड़ा को सवार धनुष-बाण ले मेल्यो छो। बीन्अ जीत को मुकुट दियो गियो छो अर वो जीतबाळा की जस्यान जीत पाबा बेई बारे नखळग्यो।