फेर म जोरसुं एक आकासवाणी हेती सुण्यो, “अब परमेसर को उद्धार आयो छ। अब परमेसर बीकी सक्ती न्अ राजा का रूप मं दखायो छ। बीको मसीह बीकी सक्ति न्अ दखायो छ, क्युं क मसी का बस्वास्या माळ्अ दोष लगाबाळो, ज्यो रात-दन परमेसर क साम्अ वाप्अ दोष लगाव्अ छो, बिन्अ धक्को देर नीच्अ पटक दिया।
फेर म एक घणी जळा की आवाज सुण्यो, ज्यो जोरका पाणी अर बादळा का गाजबा की जोरदार आवाज की जस्यानकी छी। लोगबाग खेर्या छा, “परमेसर की जै हो! क्युं क आपणो परबु परमेसर सर्वसक्तिमान राज करअ छ।