जिसुं बी बड़ी नगरी का तीन हस्सा होगा अर अधर्मया को नगर ढसगो। परमेसर बाबुल की बड़ी नगरी न्अ डण्ड देबा बेई याद कर्यो छो। जिसुं क वो बीका रोष सुं भभकतो कटोरो बीन्अ देव्अ।
“ज्यो दस सीग तु देख्यो छ वे दस राजा छ, वे अबार राज करबो सरू कोन कर्या पण बान्अ बी ड़रावणा ज्यानबर की लार थोड़ी बगत ताणी राज करबा को अधिकार दियो जाव्अलो।
फेर एक तागतहाळो सरगदूत एक घट्टी का पाट की जस्यानका भाटा न्अ ऊचर सागर म्अ या खेर फका दियो क, “हे महानगरी बाबुल, तु अस्यान'ई पटक दी जाव्अली अर फेर कद्या बी कोन लाद्अली।