उंई बगत एक बड़ो भुकम्प आयो अर नगर को दसवो हस्सो ढसगो। बी भुकम्प सुं सात हजार लोगबाग मरग्या। अर ज्यो मरबा सुं बचग्या वे डरपर सरग का परमेसर की महमा की बड़ाई करबा लागग्या।
ई पर बी ज्यो मनख बा महामारया सुं मरया कोन छा वे वांका हाथा का कामा सुं मन कोन फेरया अर भुत-परेत की या फेर सोना, चांदी, पितळ, भाटा अर लकड़ी की बा मूरत्या की आराधना करबो कोन छोड़या, ज्यो न्अ देख सक्अ छ, न्अ सुण सक्अ छ अर न्अ ई चाल सक्अ छ।