11 बांकी खुदकी पीड़ा अर छाला की बजेसुं वे सरग का परमेसर की नन्दा तो कर्या पण वांका पापा सुं पाछा कोन फरया।
पण पापी अर ठग दूसरा न्अ छळता होया अर खुद छळ्या जाता होया बरा सुं बरा होता जाव्अ छ।
उंई बगत एक बड़ो भुकम्प आयो अर नगर को दसवो हस्सो ढसगो। बी भुकम्प सुं सात हजार लोगबाग मरग्या। अर ज्यो मरबा सुं बचग्या वे डरपर सरग का परमेसर की महमा की बड़ाई करबा लागग्या।
अस्यान पेलो सरगदूत जार धरती माळ्अ खुदको कटोरो ऊंदा दियो। जिसुं बा लोगा क, ज्यांक्अ बी ज्यानबर को नसाण लागेड़ो छो अर ज्योबी मूरती न्अ पूज्अ छा बांक्अ जोरका पीड़ा देबाळा छाला फूटगा।
मण-मण का गड़ा आम्बर सुं लोगबागा माळ्अ पड़र्या छा। गड़ा सुं महाविनास की बजेसुं लोगबाग परमेसर न्अ सराप देर्या छा, क्युं क या एक भयानक विपदा छी।
अर लोगबाग जोरकी गरमी सुं भळसबा लागगा। वे परमेसर की नन्दा करबा लागग्या क्युं क ये विपत्या परमेसर कांई बसम्अ छ। पण ब वांका पापा सुं पाछा कोन फरया अर परमेसर की महमा कोन कर्या।
म बीन्अ मनफराबा को मोको दियो छु पण बा व्यभिचार सुं मन फराबो कोन छाव्अ।