9 बां दोनी सरगदूता क्अ पाछ्अ एक ओर सरगदूत आर जोरसुं खियो, “ज्यो कोई बी डरावणा ज्यानबर अर बीकी मूरती की आराधना करअलो अर खुदका माथा माळ्अ बीकी मोहर लेव्अलो,
जुग-जुग ताणी बीकी पिड़ा सुं धुंणी उठती रेव्अली। अर जी कोई माळ्अ बी ज्यानबर की छाप लागेड़ी होव्अली अर ज्योबी ज्यानबर अर बीकी मूर्ति की आराधना करअलो, बीन्अ रात-दन कद्या बी चेन कोन मल्अलो।”
अस्यान पेलो सरगदूत जार धरती माळ्अ खुदको कटोरो ऊंदा दियो। जिसुं बा लोगा क, ज्यांक्अ बी ज्यानबर को नसाण लागेड़ो छो अर ज्योबी मूरती न्अ पूज्अ छा बांक्अ जोरका पीड़ा देबाळा छाला फूटगा।
“जद ताणी म्हे परमेसर का सेवका का माथा माळ्अ मोहर कोन लगा देवा, जद ताणी तु धरती, सागर अर रूंखड़ा न्अ नुकसाण मत पूचाज्यो।”