प्रकासित वाक्य 14:6 - चोखो समचार (ढुंढाड़ी नया नियम)
6 फेर म आम्बर का ऊंचा मं एक ओर सरगदूत न्अ उड़तो देख्यो। बी कन्अ धरती का रेबाळा, सबळा देस, जात्या, भाषा अर कुणबा का लोगबागा बेई सदामेस का चोखा समचार को एक संदेस छो।
परमेसर की महमा होव्अ। ईसु मसी का संदेस का चोखा समचार को ज्यो उपदेस म थान्अ देऊ छु उंकी जस्यान अर परमेसर का भेद को सांच ज्यो जुगाजुगा सुं लुख मेल्यो छो जिन्अ वो परगट कर्यो छ वो थान्अ गाढ़ा बणाबा मं समर्थ छ।
यो जद होव्अ छ जद थे बस्वास मं अटल बण्या रेव्अला अर जी चोखा समचार न्अ थे सुण्या छा बीसुं मलेड़ी आस मं बना हाल्या-चाल्या बण्या रेवेला। म पौलुस बी उं चोखा समचार को सेवक बण्यो, जि चोखा समचार को परचार ई आम्बर क तळ्अ पूरी दुनिया मं होयो छ।
पण जद सातवा सरगदूत की सुणबा की बगत आवली मतबल जद वो तुरी बजाबाळो होव्अलो उंई बगत मं परमेसर की लुखेड़ी योजना पूरी हो जाव्अली, जिको समचार वो बीका दास परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा न्अ दियो छो।”
बी ड़रावणा ज्यानबर न्अ परमेसर का लोगबागा सुं लड़बा को अर बान्अ हराबा को अधिकार दियो गियो छो। अर बीन्अ हर देस, हर जाति, हर कुणबा अर हर भाषा माळ्अ अधिकार दियो गियो।
फेर म देख्यो क एक चील आम्बर मं ऊंची उड़री छी। म बीन्अ जोरसुं या खेतो सुण्यो, “बा तीन बचेड़ा सरगदूता की तुरी बजाबा की बजेसुं ज्यो अबार बजाबाळाई छ, धरती का रेबाळा को कतरो बरो होव्अलो, कतरो बरो!”