5 वे कद्या बी झूंट कोन बोल्या छा, वे नरदोष छा।
अरअ वो सांप की ओलादवो! ज्दया थे बरा छो तो चोखी बाता कस्यान कर सको छो? मनखा का बचन ज्यो उंका मन मं भरया रेव्अ छ उम्अ सुंई नखळ्अ छ।
जद्या पिलातुस परमुख याजका अर जळा न्अ खियो, “मन्अ ई मनख मं कांई बी दोष कोन्अ दिख्अ।”
ईसु नतनएल न्अ खुदकी ओड़ी आतो देखर उंका बारा मं खियो, “देखो, यो सांचो इजरायली छ, जिम्अ कोई खोट कोन्अ।”
जिसुं मसी बां बस्वास्या की टोळी न्अ असी भळको मारबाळी बणार खुदक्अ ताणी त्यार करअ जिम्अ कोई सळ अर कळंक न्अ होवे, अर न्अ असी ओर कोई कमी होवे पण पवितर अर नरदोष होवे।
पण अब परमेसर काया मं मसी की मोत की बजेसुं थासुं मेलमिलाप करलियो। जिसुं वो थान्अ पवितर, बना कळंक का अर नरदोष बणार खुदक्अ साम्अ कर सक्अ।
तो मसी को लोई ज्यो अपणा-आपन्अ सदा की आत्मा सुं परमेसर क साम्अ नरदोष चढ़ा दियो, वो आपणा मना न्अ मरेड़ा कामा सुं अतरो पवितर करअलो। क आपा जीवता परमेसर की सेवा करां।
पण यो तो थान्अ नरदोष अर बेदाग उण्णेठा, मतबल मसी का घणा मेंगा लोई सुंई मल सक्अ छ।
वो न्अ तो पाप कर्यो, न्अ बीका मूंडा सुं कोई झूंटी बात नखळी।
जस्यान सास्तर खेव्अ छ, “अर ज्यो थे जन्दगी को आण्द लेबो चावो छो, अर चोखा दन देखबो छाव्अ छ, वो खुदकी जीभ न्अ बराई सुं, अर खुदका होठां न्अ छळ की बात करबा सुं रोक्यां रेव्अ।
अब ज्यो थान्अ ठोकर खाबा सुं बचा सक्अ छ अर खुदकी महमा की उळ्ळाई क साम्अ मगन अर नरदोष करर उबा कर सक्अ छ।