16 फेर ज्यो बादळा माळ्अ बेठ्यो छो दांथळी चलार धरती की फसल लावणी करलियो।
मनख को छोरो सरगदूता की लार खुदका परम-पिता की महमा की लार आबाळो छ ज्यो सबन्अ वांका करमा को फळ देव्अलो।
फेर म म्हारअ साम्अ एक धोळा बादळा न्अ देख्यो। अर बी बादळा माळ्अ एक मनख बेठ्यो छो, ज्यो मनख का छोरा जस्यान को दिखर्यो छो। वो सोना को मुकुट पेर मेल्यो छो अर बीका हाथ मं एक धारदार दांथळी छी।
फेर मन्दर मं सुं एक ओर सरगदूत बारअ नखळ्यो अर बी बादळा माळ्अ बेठेड़ा सुं जोरसुं खीयो “दांथळी चलार फसल न्अ भेळी करले क्युं क लावणी करबा की बगत आ पूंछी। धरती की फसल पाकगी।”
फेर सरग का मन्दर मं सुं एक ओर सरगदूत बारअ नखळ्यो, बी कन्अ बी एक धारदार दांथळी छी।
अस्यान वो सरगदूत दांथळी चलार धरती का अंगूरा का गुच्छा न्अ काट लियो अर बान्अ परमेसर का जोरदार रोष का कुण्ड मं पटक दियो।