प्रकासित वाक्य 11:3 - चोखो समचार (ढुंढाड़ी नया नियम)3 म म्हारा दो गुवा न्अ यो अधिकार देऊलो क वे एक हजार दो सौ साठ दन ताणी परमेसर को सन्देस परचार करअला। वे टाट को पेरावो पेरया रेव्अला ज्यो दुखी होबा न्अ दखाव्अ छ।” Faic an caibideil |
अर परमेसर बस्वास्या की टोळी मं न्यारा-न्यारा मनखा न्अ थरप्यो छ, पहला न्अ थरपेड़ा चेला, दूसरा न्अ परमेसर की ओड़ी सुं बोलबा को, तीसरा न्अ सखाबा को अर कोई न्अ सक्ति का काम करबा को, अर कोई न्अ नीका करबा को, अर कोई न्अ सायता करबा को, अर कोई न्अ बेवस्ता करबा को तो कोई न्अ न्यारी-न्यारी बोली बोलबा को काम सुंप्यो छ।
फेर म घणासारा सिंहासन अर बांक्अ माळ्अ बेठ्या लोगबाग देख्यो। बान्अ न्याऊ करबा को अधिकार दियो गियो छो। फेर म बा लोगबागा की आत्मा न्अ देख्यो ज्यांका माथा ईसु की गुवाई देबा की बजेसुं अर परमेसर का बचन की बजेसुं काट्या गिया छा, वे बी ड़रावणा ज्यानबर की अर बीकी मूरती की आराधना कोन कर्या। अर वे बीकी छाप खुदका माथा अर हाथ माळ्अ कोन लिया। वे जिन्दा होर मसी की लार हजार बरस ताणी राज करअला।