“थे धरती का लूण छो, पण लूण बेसुवाद हो जाव्अ, तो फेर वो कसी चीज सुं खारो कर्यो जा सक्अ छ? वो फेर कांई काम को कोन रेव्अ। वो बारअ फाक्यो अर मनखा का पगा तळ्अ छीत्यो जाव्अ छ।
तो सोचल्यो वो कतरा भारी डण्ड क लायक ठेरायो जाव्अलो ज्यो परमेसर का छोरा न्अ पगा सुं छीत दियो। अर करार का लोई न्अ जिसुं वो पवितर ठेरायो गियो छ अपवितर जाण्यो छ। अर दीया की आत्मा को अपमान कर्यो छ।
म म्हारा दो गुवा न्अ यो अधिकार देऊलो क वे एक हजार दो सौ साठ दन ताणी परमेसर को सन्देस परचार करअला। वे टाट को पेरावो पेरया रेव्अला ज्यो दुखी होबा न्अ दखाव्अ छ।”