उं बगत मनख का छोरा का आबा का नसाण आम्बर मं दिख्अला। ज्दया धरती प सबळी जात्या का मनख रोव्अला अर वे मनख का छोरा न्अ सक्ती अर महमा की लार सरग सुं बादळा मं आतो देख्अला।
तो सोचल्यो वो कतरा भारी डण्ड क लायक ठेरायो जाव्अलो ज्यो परमेसर का छोरा न्अ पगा सुं छीत दियो। अर करार का लोई न्अ जिसुं वो पवितर ठेरायो गियो छ अपवितर जाण्यो छ। अर दीया की आत्मा को अपमान कर्यो छ।
अर ज्यो वे भटक जाव्अ तो फेर वान्अ फेरू मन फरार परमेसर का गेल्ला मं पाछो ल्याबो कळ्डो छ। क्युं क वे परमेसर का छोरा न्अ फेर करूस माळ्अ चढ़ाव्अ छ, अर चोड़्अ-धाड़्अ बीको अपमान करअ छ।
हे म्हारा प्यारा भायलाओ, अब आपा परमेसर की ओलाद छा पण आबाळी बगत मं आपा कांई होव्अला, हालताणी ईका बारा मं आपान्अ कोन बताया। पण छाव्अ ज्योबी होव्अ आपा या जाणा छा क जद्या मसी फेरू परगट होव्अलो तो आपा उंक्अ जस्यानका हो जाव्अला, क्युं क वो जस्यान को छ वस्यान ई आपा उन्अ देख्अला।