11 कोई जुरत की बजेसुं म या कोन्अ खेर्यो। क्युं क म हर दसा मं सबर रांखबो सींख लियो।
थोड़ासाक सपाई उन्अ बुज्या, “अर मान्अ कांई करणी चायजे?” तो वो वान्अ बतायो, “जोरीसुं कोई सुं धन मतल्यो। कोई प बी झूंटो दोष मत लगावो। खुदकी मजुरी म सबर रखाणो।”
म घणी मेनत करर गाढो थाक'र जन्दगी जीयो छु। केई बार म सो बी कोन सक्यो। केई बार भूखो तसायो रियो छु। केई बार तो म आधो भूखा रियो। अर घणी बार तो स्याळा म बना लत्ता क धूजतो रियो।
म्हाका मन दुखी छ पण सदाई राजी रेवां छा, मै कंगला की जस्यान छा पण दूसरा मनखा न्अ पिसाळा बणा देवा छा, म्हे रिता हाथा दीखां छा पण म्हारअ कन्अ सब कुछ छ।
क्युं क थे आपणा परबु ईसु मसी की दीया न्अ जाणोई छो। अर थे या बी जाणो छो क वो भागवान होर बी थांक्अ बेई कंगलो बण्यो। जिसुं थे उंकी गरीबी की बजेसुं भागवान बण सको।
अर परमेसर थांकी सबळी जुरता न्अ पूरी करअलो। जिसुं भला काम करबा बेई थां कन्अ थांकी जुरतां सुं साउटो होव्अलो।
खाली येई नही पण सबळी बाता न्अ म्हारा परबु मसी ईसु न्अ जाणबा की महानता क सामन्अ बेकार समझुं छु। अर बी मसी क ताणी सबळी चीजान्अ छोड़ दियो अर सबळी चीजान्अ कजोड़ो समझुं छु जिसुं म मसी का गठजोड़ को फायदो पा सकुं
क्युं क थे केदयां का दुख मं बी लार लाग्या, अर खुदकी धनपूंजी बी लेलेबा दिया। यो जाणर क थां कन्अ एक ओर चोखी अर सदा ठेरबाळी धनपूंजी छ।