क्युं क म ये बाता दुखी मन सुं अर आंसुवा की लार थान्अ मांड्यो छो। ईको मतबल यो कोन्अ क म थान्अ दुखी करबो चाऊ छु पण ई बजेसुं मांड्यो छु क ज्यो परेम म थां सुं करू छु उन्अ थे जाणल्यो।
मन मं रोष, नसो, रंगरेळ्या अर अस्यान की ई ओर बाता बी म थान्अ बतायो छो। अब म थान्अ या बाता का बारा मं चतार्यो छु क ज्यो मनख अस्यान की बाता मं लार रेवला, वे परमेसर का राज को वारिस कोन होव्अला।
अस्या मनख ज्यो काया को दखावो करबो छाव्अ छ, वे थांप्अ खतना कराबा को जोर देव्अ छ। पण वे अस्यान जिसुं करअ छ क वान्अ मसी का करूस का परचार की बजेसुं दुख कोन उठाणा पड़्अ।
यां बी परमेसर की मन्सा छ क ई बारा म कोई बी खुदका भाई बेई कोई अपराध कोन करअ या फेर कोई अनुचित फायदो कोन उठाव्अ, क्युं क अस्यान का सबळा पाप बेई परबु सज्या देव्अलो जस्यान म्हे थान्अ बता दिया छा अर थान्अ साऊचेत बी कर दिया छा।
म्हान्अ अस्यान बतायो गियो छ क थांक्अ गाब्अ एकात अस्या बी छ ज्यो आळसी छ, वे कोई काम धन्धो कोन करअ अर दूसरा की बाता मं टांग अड़ाता होया अण्डी-उण्डी डोलता फरअ छ।