28 ई बजेसुं मं ओर बी चाऊ छु क बीन्अ खन्दाऊ। थे बीन्अ देखर पाछा राजी हो जावो अर म्हारो दुख बी कटजाव्अ।
अस्यान'ई थान्अ बी अबार दुख हेर्यो छ पण म थासुं पाछो मलुला अर थे राजी होव्अला। अर थांकी खुसी कोई बी कोन्अ कोस पाव्अलो।
वे ई बात सुं सावटा दुखी छा क, वो बान्अ खियो छो क वे बीको मुण्डो फेर कद्या बी कोन्अ देख्अला जिसुं वे सबळा मनख घणा दुखी छा। अर वे उंकी लारा जाज ताणी गिया।
जिसुं ई तो म थान्अ मांड्यो छो क जद्या म थां कन्अ आंउ तो अस्यान कोन होणी चायजे क ज्यांसुं मन्अ सुख मल्अ छ वां सुं म दुखी होऊं। क्युं क मन्अ थांक्अ उपरअ बस्वास छ क म्हारी खुसी मं ई थांकी खुसी छ।
जिसुं परबु माळ्अ बस्वास रखाणबाळा भाया की जस्यान घणी खुसी सुं बीको सुवागत करो अर अस्यान का मनखा को आदर करता रेवो।
म्हारअ बेई तु ज्यो आंसु बुवायो छ वान्अ याद कर म तसुं मलर आण्द सुं भरबा बेई उत्यावळो होर्यो छु।