2 वो वान्अ घणी बाता कस्सा मं सकाव्अ छो। अर खुदका उपदेसा मं वो वान्अ खियो,
फेर ईसु का चेला उंक्अ सांकड़्अ जार उन्अ बुज्या, “तु वासुं कस्सा मं बाता क्युं करअ छ?”
वो वान्अ कस्सा को सायरो लेर घणीसारी बाता बतायो। वो खियो क, “एक कसाण बिजण्या करबा नखळ्यो।
ज्दया ईसु खुदका उपदेस न्अ पूरो कर्यो तो उंका उपदेस प उं जळा का मनखा न्अ घणो अचम्बो होयो।
फेर ईसु उं ठार न्अ छोड़र यहूद्या म आर यरदन नन्दी क पेलाड़ी आग्यो। जळा फेर उंक्अ सांकड्अ भेळी होबा लागगी। अर ईसु सदा की न्याई वान्अ परबचन देबा लागग्यो।
ईसु वान्अ कस्सा मं खेबा लाग्यो, “एक मनख अंगूरा को बाग लगायो अर उंक्अ च्यारूमेर डोळी लगवायो। फेर अंगूर को रस नखाळबा बेई एक घाणो अर होदी, अर रुखाळी बेई एक ढ़ेंगड़ो बणायो अर फेर बिन्अ कसाणा न्अ आदोळी देर, यात्रा म चलग्यो।
ईसु सक्ष्या देती बगत खियो, “मूसा का निमा न्अ सखाबाळा सुं सावचेतर्यो। वे खुदका लाम्बा चोगा न्अ फेरर अण्डी-उण्डी फरबो पसंद करअ छ। बजार म खुदन्अ नमस्कार कराबो वान्अ चोखो लाग्अ छ।
ईसु वान्अ बलार कस्सा को सायरो लेर खेव्अ लागग्यो, “सेतान, सेतान न्अ कस्यान नखाळ सक्अ छ?
ईसु वान्अ बतायो, “थान्अ तो परमेसर का राज को भेद जणा दियो छो, पण वाक्अ बेई ज्यो बारे का छ सबळी बाता कस्सा मं बताई जाव्अ छ।
“सुणो! एकबार की बात छ क एक कसाण छो अर वो बिजणी करबा नखळ्यो।
फेर महायाजक ईसु सुं बीका चेला अर बीकी सक्षा का बारा मं पूछ्यो।