3 ईसु उं डुंड्या मनख न्अ खियो, “यांक्अ गाब्अ उबो होजा।”
उण्डअ एक सुखा हाथहाळो मनख छो। वे मनख ईसु न्अ बुज्या, “मूसा की मानत्या क स्याप सुं कोई मनख न्अ आरामहाळा दन नीका करबो सई छ कांई? वे उन्अ अस्यान जिसुं बुज्या छा क वे उंक्अ उपरअ दोष लगाबो छाव्अ छा।”
एकात लोगबाग ताकर्या छा क वो आरामहाळा दन उन्अ नीका करअ छ क कोन्अ करअ, जिसुं वान्अ उंक्अ उपरअ दोष लगाबा की बजे लाद्याव्अ।
अर वान्अ बुजबा लागग्यो, “चोखो कांई छ? आरामहाळा दन क दन भलो करबो क बरो करबो? ज्यान बचाबो क मारबो?” पण वे सबळा छाना रिया।
वो वांका बच्यारा न्अ जाण्अ छो, जिसुं वो उं सुखा हाथाळा मनख न्अ खियो, “उठ अर सबळा क साम्अ उबो होजा।” वो उठ्यो अर उण्डअ उबो होग्यो।
ज्यो मन्अ खन्दायो छ बीका कामा न्अ आपान्अ दन-दन ई पूरो करणी चायजे। बा रात आबाळी छ जद्या कोई बी काम कोन्अ कर सक्अलो।
ई बजेसुं म्हारा प्यारा भायाओ बस्वास मं डगमगाओ मतो पण मजबुत रेवो। अर परबु का काम मं खुदन्अ लगाया रखाणो। क्युं क थे जाणो छो क परबु बेई करेड़ा थांका काम फालतु कोन जाव्अ।
जिसुं आपा कद्या बी भलाई करबा सुं कोन थांका, क्युं क सई बगत आया सुं आपान्अ उंको फळ मल्अलो।
म्हारो जैळ मं सांकळ्या सुं बन्धेड़ो रेबा की बजेसुं परबु मं भरोसो रखाणबाळा घणा भाया की हिम्मत्त बड़गी। अर चोखा समचार न्अ बेधड़क सुणाबा क ताणी बांको धीरज बड़गो।
अस्यान जद मसी काया मं होर दुख उठायो छो, तो थे बी बी मनसा न्अ हथियार की जस्यान धारण करो, क्युं क ज्यो काया मं दुख उठायो वो पापा सुं छूटग्यो।