5 तो एकात मनख ज्यो उण्डअ उबा छा, वान बुज्या, “थें कांई करर्या छो अर ई गद्दी का बछेरा न्अ क्युं खोलर्या छो?”
या खेर सामला गांव मं खन्दायो क “थान्अ उण्डअ जाताई एक गद्दी बंधी मल्अली। उंकी लार उंको बछेरो बी होव्अलो। वान्अ खोलर म्हारअ कन्अ लियाओ
जद्या वे उण्डअ सुं चलग्या अर वान गळी म एक बाण्णा कन्अ गद्दी को बछेरो बंध्यो मल्यो। अर जद्या वे बिन्अ खोलर्या छा।
वे वान वाई खिया ज्यो ईसु वान बतायो छो। जिसुं वे वान जाबा दिया।