जद्या वे यरूसलेम पुछया। अर ईसु मन्दर म घुस्यो तो वा मनखा न्अ ज्यो मन्दर म बोपार करर्या छा, बाण्अ नखाळबो सरू कर दियो। वो पिसा को लेण-देण करबाळा की छोकट्या उल्ट-पुल्ट कर दियो। कबुतर बेचबाळा का तखता उलाळ दियो।
फेर सक्ष्या देर ईसु वान्अ खियो, “परमेसर का बचन म या कोन मण्ढरी कांई, ‘म्हारो घर सबळा देसा का मनखा बेई परातना करबा को घर खुवावलो?’ पण थें बिन्अ चोरा को ठकाणो बणा दिया।”