2 जस्यान यसायाह परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा की पोथी मं मण्ढर्यो छ क “सुणो! म म्हारा दूत न्अ थारअ पेली खन्दार्यो छु। ज्यो थारबेई गेल्लो तियार करअलो।”
यो वोई छ जिका बारा मं पवितर सास्तर मं मण्ढर्यो छ, “देख म थारअ पेली म्हारा दूत न्अ खन्दार्यो छु। वो थारबेई गेल्लो बणावलो।”
वे उन्अ बताया, “यहूद्या का बैतलहम मं। क्युं क परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा माण्ढ मेल्या छ क
मनख का छोरा न्अ तो मरणीई छ जस्यान उंका बारा मं सास्तरा मं मण्ढरी छ। पण उं मनख बेई हाई जिकी बजेसुं मनख को छोरो पकड़ायो जावलो। उं मनख बेई कतरो चोखो होतो क वो पैदाई कोन्अ होतो।”
फेर ईसु वान्अ खियो, “आज रयात थां सबळा को म्हारअ उपरअ सुं बस्वास उठ जावलो। क्युं क सास्तर मं मण्ढरी छ क ‘म गुवाळ न्अ मारुलो अर रेवड़ की लळ्डया कण-कण की हो जाव्अली।’
ज्यो वो घणो पेली अपणा पवितर परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा का मुण्ढा सुं बचन दियो छो।
“ह छोरा, अब तु परमप्रधान परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा खुवावलो। क्युं क तु परबु क आग्अ-आग्अ चालर उंक्अ बेई गेल्ला न्अ तियार करअलो।
फेर ईसु बा बारा न्अ एकाड़ी लेजार खियो, “सुणो आपा यरूसलेम जार्या छा। मनख का छोरा बेई परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा की ओड़ी सुं ज्योबी माण्ढ्यो गियो छ, वो पूरो हेवलो।