1 ईसु जनता न्अ परबचन देबा क पाछ्अ कफरनहूम म आयो।
पण ज्यो म्हारा परबचन सुण्अ छ अर वस्यान कोन चाल्अ, वो उं मनख की न्याई छ ज्यो बना निम भरयाई जमी प मकान बणायो छ। नन्दी को पाणी उसुं टकरायो अर वो मकान ढ़सग्यो अर एकधम बरयाबर हेग्यो।