3 जुवाब म ईसु वान्अ बुज्यो, “थे कोन्अ पढ़या कांई? दाऊद अर उंकी लार का भूखा छा, जद्या दाऊद कांई कर्यो छो?
वो खियो, “कांई थे सासतर मं कोन्अ पढ़या क ई जगत न्अ बणाबाळो सरूवात मं, वान्अ एक लुगाई अर एक मोटयार का रुप मं बणायो छ?
अर उन्अ बुज्या, “तु सुण्अ छ क ये कांई खेर्या छ?” ईसु वान्अ खियो, “हां सुणू छु। थे धरम-सास्तर मं कोन्अ पढ़या कांई क ‘तु छोरा-छोर्या सुं अर लुवा-बाळका सुं बी महमा करवायो छ।’”
ईसु वान्अ खियो, “कांई थे सास्तर का ई बचन न्अ कोन पढ़या? ‘जि भाटा न्अ मकान बणाबाळा खराब समझ्या, वोई कुणा को सबळा सुं खास भाटो बणग्यो। अस्यानको परबु की ओड़ी सुं कर्यो गियो छ, ज्यो आपणी नजरा मं अचम्बा को छ।’”
जण्ढ्अ ताणी मरया मं सुं जीवतो होबा को सुवाल छ, थे लोग यो बचन कद्या बी कोन्अ पढ़या कांई ज्यो परमेसर थासुं खियो छो क,
चाळीस दन अर चाळीस रयात भूखो रेबा क पाछ्अ ज्दया उन्अ भूख सताब्अ लागी
सांच्याई थें सास्तर मं या कोन पढ़या कांई, ‘वो भाटो जिन्अ कारीगर बनाकाम को मानया, वोई खास भाटो बणग्यो।
मरया मंसुं जिन्दा हेबा का बारा म थें मूसा की पौथी म बळता झाड़ का बारा म ज्यो मण्ढर्यो छ, कोन पढ़या कांई? उण्डअ परमेसर मूसा न्अ खियो छो, ‘मं अबराम को परमेसर छु, इसहाक को परमेसर छु अर याकूब को परमेसर छु।’