1 एक दन अस्यान होयो क ईसु गन्नेसरत नांऊ की झील की तीर प ऊबो छो। अर लोगबाग परमेसर का बचन सुणबा बेई उंक्अ उपरअ'ई पड़र्या छा।
बतिस्मो देबाळा यूहन्ना सुं लेर अबार ताणी सरग को राज घणा जोरका झाटक्या झेलर्यो छ अर तागतहाळा लोगबाग उन्अ बसम्अ करबा की जोरी करर्या छ।
वे झील क पेलाड़ी गन्नेसरत नगर की तीर प उतरग्या।
उं जळा की बजेसुं वो चेला न्अ खियो क वे उंक्अ बेई एक छोटो नावड़ो त्यार रखाण्अ जिसुं जळा वान्अ कोन्अ दाब सक्अ।
वो गलील की झील की तीर प फेरू चोखा समचार की सीख देबो सरु कर दियो। बड्अ उंक्अ च्यारूमेर घणी जळा भेळी होगी। ई बजेसुं वो झील मं उबा एक नावड़ा मं जा बेठ्यो। अर सबळा मनख झील की तीर प उबा छा।
जद्या ईसु उंकी लार चाल पड़यो तो घणी जळा उंकी लार होगी। अर जळा ईसु क उपरअ उलळती'ई आरी छी।
झील न्अ पार कर वे गन्नेसरत नगर मं पुंच्या। अर उण्डअ वे नावड़ा न्अ बांध दिया।
अर फेर जद्या बा जळा जिका हजारू मनख आमा-सामा छीतर्या छा जद्या पेली ईसु खुदका चेला न्अ खेबा लाग्यो, “फरीस्या का खमीर सुं, ज्यो बाको कपट छ, बचता रिज्यो।
जद्या वो झील की तीर प उबा दो नावड़ा देख्यो। मछ्या पकड़बाळा वाम्अ सुं उतर'र ज्याळ धोर्या छा।
फेर एक दन अस्यान हियो क वो खुदका चेला की लार एक नावड़ा मं चढ़यो अर बान्अ खियो, “आवो झील क पेलाड़ी चाला।” तो वे तरपाल खोल दिया।
जद्या वे नावड़ो चलार्या छा, ईसु सोग्यो। झील म आंधी तुफान आब्अ लागग्या। बाका नावड़ा मं पाणी भरबा लागग्यो। वे घबराग्या।
जद्या वे दुष्टात्मा बीमसुं बारे नखळर बा सुड्ड़ा मं जा घुसी। अर वो सुड्ड़ा को रेवड़ उण्डअ सुं तण्अ रळक मे गुड़कता उचकता अर भागता झील मं जा पड़या अर डुबग्या।
जद्या ईसु बुज्यो, “वो कुण छ ज्यो म्हारअ हाथ लगायो छ?” जद्या सबळा नटर्या छा, पतरस खियो, “गरूजी सबळा मनख तो थन्अ च्यारूमेर सुं दाब मेल्या छ अर वे सबळा थारअ उपरअ पड़र्या छ।”
यूहन्ना की बात सुणर ईसु क पाछ्अ होग्या छा वाम्अ सुं एक समौन पतरस को भाई अन्द्रियास छो।
या बाता क पाछ्अ ईसु गलील झील मतबल तिबिरियास क पेली तीर प्अ चलग्यो।
थांका मुखिया ज्यो थान्अ परमेसर को बचन सुणाया छा, वान्अ याद रांखो अर ध्यान सुं बांका चाल चलन का बारा मं सोचो अर बांका बस्वास की नकल करो।