4 जद्या ईसु उन्अ खियो, “पवितर सास्तर मं मण्ढर्यो छ क मनख खाली रोटी सुं कोन जीव्अ।”
ईसु खियो, “सास्तरा मं मण्ढरी छ क मनख रोटी सुंई कोन्अ जीव्अ पण परमेसर का मुण्ढा सुं नखळ्या बचना सुं जीवतो रेव्अ छ।”
“ई बजेसुं या चन्ता मत करो क मे कांई खावला, कांई पिव्अला अर कांई पेरअला?
फेर ईसु खुदका चेला न्अ खीयो, “म जद्या थान्अ बना बटुवा, बना थेला अर बना चप्पला क खन्दायो तो कांई थान्अ कोई चीज की कमी हेई छी?” वे खिया “कसी बी चीज की कोन्अ री।”
क्युं क सास्तरा म मण्ढर्यो छ क वो सरगदूता न्अ थारा बारा मं आज्ञा देव्अलो क वे थन्अ बचाले।”
तो सेतान उन्अ खियो, “ज्यो तु परमेसर को छोरो छ तो ई भाटा न्अ रोटी बणबा बेई खे।”
ईसु उन्अ जुवाब दियो, “सास्तरा मं मण्ढर्यो छ क ‘थन्अ बस थारा परबु परमेसर न्अ ई परणाम करणी चायजे। अर तु उंकी'ई सेवा कर।’”
अर उद्धार को टोप, अर पवितर-आत्मा की तलवार ज्यो परमेसर को बचन छ लेल्यो।