9 रूंखड़ा की जड़ा प करबाड़यो मलचुक्यो अर वां सबळा रूंखड़ा न्अ ज्यो चोखा फळ कोन्अ देव्अ काटर पटक्यो जावलो अर फेर वान्अ आग मं बाळ दियो जावलो।”
रूंखड़ा की जड़ा क उपरअ करबाड़यो मलचुक्यो छ। अर वे सबळा रूंखड़ा ज्यो चोखा फळ कोन्अ देव्अ काटर पटक्या जावला अर फेर वान्अ आग मं बाळ दियो जावलो।
वे सबळा रूंखड़ा ज्यो चोखा फळ कोन्अ पैदा करअ वान्अ काटर आग मं बाळ देव्अला।
फेर वो बान्अ यो कस्सो खियो, “कोई मनख खुदकी दाख की बारी मं एक अंजीर को रूंखड़ो लगा मल्यो छो तो वो बीम्अ फळ हेरतो आयो पण बीन्अ कांई कोन्अ मल्यो।”
जद्या वो माळी न्अ खियो, “अब देख म तीन बरस सुंई अंजीर का रूंखड़ा म फळ हेरतो आर्यो छु पण मन्अ एकबी फळ कोन्अ मल्यो तो ईन्अ काट द। यो धरती न्अ अस्यान'ई क्युं रोक्या रेव्अ?”
फेर अर ज्यो यो आग्लअ बरस फळ देतो चोखो अर कोन्अ देव्अ तो तु ईन्अ काट सक्अ छ।”
कोई म्हारअ मायन्अ बण्यो कोन्अ रेव्अ तो बीन्अ टूटी डाळ की जस्यान फेक्यो जाव्अ छ। अर सूख जाव्अ छ, अर लोगबाग बान्अ भेळा करर लाय मं पटक देव्अ छ, अर वे बळ जाव्अ छ।
जद मूसा का निमा न्अ कोन्अ मानबाळा न्अ बना दीया दखाया दो या तीन गुवा की गुवाई सुं मार दिया जाव्अ छ,
क्युं क आपणो परमेसर भसम करबाळी आग छ।