3 बी नगर मं एक राण्ड़बेर बेरबानी बी रेवे छी। अर बा बी कन्अ बार-बार आव्अ छी अर खेव छी, देख मन्अ म्हारअ उपरअ कर्या अन्याय का बिरोध मं न्याऊ मलणी ई चायजे।
“ज्दया ताणी तु थारा बेरी की लार गेल्ला मेई छ उसुं झटदाणीसीक राजीबो करल्अ, कढ्अ अस्यान कोन्अ हो जाव्अ क वो तन्अ न्याऊ करबाळा का हाथा मं सुंप दे अर न्याऊ करबाळो तन्अ सपाया का हाथा मं सुंप दे अर सपाई तन्अ जैळ मं पटकदे।
वो खियो, “एक नगर मं एक न्याऊ करबाळो रेव छो वो न्अ तो परमेसर सुं ड़रप्अ छो अर न्अ मनखा की परवा करअ छो।”
पण घणादना ताणी तो वो न्याऊ करबाळो टाळतो गियो पण आखरी मं वो खुदका मन मं बच्यार कर्यो, मं न्अ तो परमेसर सुं डरपु अर न्अ मनखा की परवा करू।
फेरबी क्युं क या राण्ड़बेर बेरबानी म्हारा कान खागी तो मं देखूलो क ईन्अ न्याऊ मल जाव्अ जिसुं क यां बार-बार म्हारअ कन्अ आर कढी मन्अ ई कोन्अ हरा देव्अ।