3 “जावो अर याद रखाणो मं थान्अ न्याळ्या क गाब्अ लळ्ड़ी का उण्णेठा की न्याऊ खन्दार्यो छु।
“सुणो! म थान्अ अस्यान'ई बारअ खन्दार्यो छु ज्यान लळ्डया न्अ न्याळ्या क गाब्अ खन्दाव्अ छ। जिसुं सांप की न्याई चालाक अर कबुतर की न्याई भोळा बणो।
म्हारा नांऊ की बजेसुं लोगबाग थासुं बेर रखाण्अला पण ज्यो आखरी बगत ताणी बस्वास रखाण्अलो उंको'ई उद्धार होव्अलो।
“झूंटमाट परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा सुं बचर चालज्यो। वे लळ्डया को बेस बणार थां कन्अ आव्अ छ, पण वे माईन्अ सुं न्याळी होव्अ छ।
खुदकी लार न्अ कोई बटुवो, न्अ थेलो अर न्अ जूत्या लिज्यो। गेल्ला मं कोई सुं नमस्कार बी मत करज्यो।
पण मजुरी प रांखेड़ा गुवाळ, लळ्डया को सांचो गुवाळ कोन्अ होव्अ अर लळ्डया बीकी खुदकी कोन्अ होव्अ। ई बजेसुं वो न्याळी न्अ आतो देखर लळ्डया न्अ छोड़र भाग जाव्अ छ। अर न्याळी वाप्अ हमलो करर बान्अ कण-कण की कर देव्अ छ।
म्हारी खियेड़ी बात याद रांखज्यो, क दास मालिक सुं बड़ो कोन्अ होव्अ, ब मन्अ सताया छ तो थान्अ बी सताव्अला, अर ब म्हारी बात मानता तो थांकी बी मान्अला।
वे थान्अ परातना करबा की ठार सुं नखाळ देव्अला, अर बा बगत आरी छ क ज्योबी थान्अ मार नाख्अलो वो या समझलो क वो परमेसर की सेवा करर्यो छ।
म जाणु छु क म्हारअ बद्या होबा क पाछ्अ खुंखार बगेरा थाम्अ सुं आवला अर वे या लळ्डया न्अ कोन्अ छोड़्अला।
म बीन्अ सब बताऊलो ज्यो बीन्अ म्हारा नांऊ बेई कतरा दुख भोगणा पड़ेला।”
अर वो दमिस्क का परातना घरा क नांऊ एक कागद देबा की अरदास कर्यो क बीन्अ अण्डअ ज्योबी परबु का ई पंथ का मनख मल्अ, भलाई सुं बा बेरबानी हो या मोट्यार, बान्अ बान्धर यरूसलेम मं लियाव्अ।