1 वाक्अ पाछ्अ परबु सत्तर मनखा न्अ ओर थरप्यो अर फेर ज्यां-ज्यां नगरा अर ठारां मं खुदन्अ जाणो छो दो-दो कर बान्अ खुदसुं आग्अ खन्दायो।
वो एलिय्याह जस्यानकी सक्ति अर परमेसर की आत्मा मं परबु क आग्अ-आग्अ चाल्अलो। जिसुं वो माई-बाप को मन ओलादा ओड़ी मोड़ देव्अलो अर वो आज्ञा कोन मानबाळा न्अ अस्या बच्यारा बेई उकसाव्अलो जिसुं वे धर्मया ज्यान का बच्यार रखाण्अ। यो सब वो मनखा न्अ परबु बेई तियार करबा बेई करअलो।”
“ह छोरा, अब तु परमप्रधान परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा खुवावलो। क्युं क तु परबु क आग्अ-आग्अ चालर उंक्अ बेई गेल्ला न्अ तियार करअलो।
जद्या परबु बीन्अ देख्यो तो परबु न्अ बीक्अ उपरअ घणी दीया आई। वो खियो, “रो मत!”
यूहन्ना खुदका दो चेला न्अ बलार बान्अ परबु न्अ या बुजबा खन्दायो क, “कांई तु बोई छ, ज्यो आबाळो छ या फेर में कोई ओर की बाठनाळा?”
वो खुदका दूता न्अ पेलीई खन्दा दियो छो वे चलग्या अर बी बेई तियारी करबा बेई एक सामरया का गांव मं पुच्या।