54 आपणा आग्ला बढ़ा न्अ दिया बचना की ज्यान वो अपणा दास इजरायल की सायता करबा आयो।
वो भूखा न्अ चोखा-चोखा पकवान खुवार धपा दियो अर भागवाना न्अ रिता हाथा ई पाछा खन्दा दियो।
उन्अ अबराम अर उंका बंस का प सदा दीया दखाबा की याद रेई।”