43 पण या अतरी बड़ी बात म्हारी लार क्युं होई क म्हारा परबु की माई म्हारअ कन्अ आई छ!
वो उं जळा का मनखा सुं बाता कर'ईर्यो छो, क उंकी माई अर भाई उण्डअ आर बाण्अ उबा होगा। वे उसुं बाता करबा बेई बाठनाळरया छा।
पण यूहन्ना ईसु न्अ रोकबाळा की न्याई खियो, “मन्अ तसुं बतिस्मो लेबा की जुरत छ। फेर तु म्हारअ कन्अ क्युं आयो छ?”
अर वा जोरसुं खेबा लागी, “तु सबळी लुगाया म सबसु ज्यादा सोभागवती छ। अर जी बाळक न्अ तु जण्अली वो धनै छ।
क्युं क थारा नमस्कार की आवाज जस्यानई म्हारा काना मं पड़ी, म्हारा पेट को बाळक खुसी सुं उचक्यो छो।
क्युं क आज दाऊद का नगर मं थांका उद्धार करबाळा परबु मसी को जनम होयो छ।
जिसुं म थार कन्अ आबाकी बी कोन्अ बच्यारो। पण तु खे द म्हारो दास नीका हे जावलो।
थे मन्अ गरूजी अर परबु खेवो छो अर ठीक ई खेवो छो। क्युं क म वोई छु।
या सुणर थोमा बोल्यो, “ह म्हारा परबु, ह म्हारा परमेसर!”
खुदका फायदा अर झूंटी बढ़ाई ताणी कांई मत करो। पण नरमाई सुं एक-दूसरा न्अ खुदसुं चोखो समझो।
खाली येई नही पण सबळी बाता न्अ म्हारा परबु मसी ईसु न्अ जाणबा की महानता क सामन्अ बेकार समझुं छु। अर बी मसी क ताणी सबळी चीजान्अ छोड़ दियो अर सबळी चीजान्अ कजोड़ो समझुं छु जिसुं म मसी का गठजोड़ को फायदो पा सकुं