13 फेर परबु को सरगदूत उन्अ खियो, “जकर्याह ड़रप्अ मत, थारी परातना की सुणाई होगी छ जिसुं थारी लुगाई एक छोरा न्अ जण्अली, अर तु उंको नांऊ यूहन्ना रखाणज्यो।
वा एक छोरो जण्अली। अर तु उंको नांऊ ईसु रखाणज्यो क्युं क वो खुदका मनखा न्अ वांका पापा सुं मुक्ति देव्अलो।”
ईसु झटदाणीसीक वान्अ खियो, “हिम्मत रखाणो! मं छु! डरपो मतो।”
ज्दया सरगदूत वा लुगाया न्अ खिया, “डरपो मतो!, म जाणु छु क थे ईसु न्अ हेररी छो, जिन्अ सुळी प चढ़ाया छा।
फेर वो मनख वान्अ खियो, “डरपो मतो, थें जी ईसु न्अ ज्यो नासरत नगर को रेबाळो छ हेररी छो, जिन्अ सुळी प लटकाया छा, वो जिन्दो हेग्यो! वो अण्डअ कोन्अ। ई ठार न्अ देखो जण्ढ्अ उन्अ मेल्या छा।
वो थन्अ खुसी अर आण्द देव्अलो, अर उंका जनम सुं घणा मनख राजी होवला,
जद्या सरगदूत उन्अ खियो, “मरियम ड़रप्अ मत, परमेसर की दीया थारप्अ होई छ।
अर आठवां दन जद्या बाळक क खतनो करबा की बगत आई तो उंको नांऊ ईसु रखाण्या। उन्अ यो नांऊ उंकी माई का पेट मं आबासुं बी पेली सरगदूत बता दिया छा।
अर खियो, “कुरनेलियुस, परमेसर थारी परातना सुण्यो छ अर थारा दान सुं वो घणो राजी छ।