8 थे तुंवार मं जावो। म ई तुंवार मं कोन्अ जाऊ, क्युं क म्हारअ बेई ठीक बगत कोन्अ आई।”
वो खियो, “नगर मं फलाणा मनख कन्अ जार उन्अ खेवो, क ‘गरू खियो छ क म्हारी बगत सांकड्अ आगी अर म म्हारा चेला की लार थारअ घरा फसह को तुंवार मनाऊलो।’”
ईसु उन्अ खियो, “ह माई, या तु मन्अ क्युं खेरी छ? हालताणी म्हारी बगत कोन आयी।”
फेर वे बीन्अ पकड़बा की जोरी करबा लागग्या, पण कोई बी बीक्अ हाथ कोन्अ लगायो, क्युं क बीकी बगत हालताणी ताणी कोन्अ आई छी।
ईसु बान्अ खियो, “म्हारी तुंवार मं जाबा बेई हालताणी ठीक बगत कोन्अ आयी। पण थांक्अ बेई सबळी बगत ठीक छ।
वो ये बाता खेर गलील मं ई रूकग्यो।
वो ये बाता मन्दर मं दान-पेट्या का कमरा कन्अ खियो छो। अर कोई बी बीन्अ कोन्अ पकड़यो, क्युं क बीकी बगत अबार ताणी कोन्अ आयी छी।
ईसु की ये बाता सुणर बाम्अ सुं घणासारा उंप्अ बस्वास कर लिया।