3 ज्यांम्अ आन्धा, लुल्या अर लकवा का रोगला घणा मनख पाणी न्अ हालबा की आस मं पड़या रेव्अ छा।
जळा की जळा उंक्अ सांकड्अ आबा लागगी। वे लंगड़ा-लुल्या, आन्धा, गुंगा-बरया अर दूसरा घणा रोगला न्अ खुदकी लार लेर आया छा। वे वान्अ ईसु का पगा मं पटक दिया अर ईसु वान्अ नीका कर दियो।
सबळा सीरिया का परदेस मं उंको जस फेलग्यो। जिसुं सबळा मनख वा मनखा न्अ ज्यो भांत-भांत का रोगा मं छा ज्यांम्अ दुष्टात्मा छी लकवाळा अर पिड़ा मं पड़या अर मुरगी का रोगला न्अ उंक्अ सांकड़्अ ल्याब्अ लागग्या। अर ईसु वां सबळा मनखा न्अ नीका कर्यो।
फेर वो बान्अ जुवाब दियो, “जावो अर ज्यो थे देख्या छो अर सुण्या छो वो यूहन्ना न्अ बतावो; क आन्धा मनख फेर देखर्या छ, लुल्या-लंगड़ा चाल फरर्या छ अर कोढ़ी नीका हेग्या, बेरया सुणर्या छ, मरया जिन्दा हेरया छ अर कंगाला न्अ चोखो समचार सुणायो जार्यो छ।
यरूसलेम मं भेड़-फाटक कन्अ एक कुण्ड छो जिन्अ इब्रानी मं “बेतसेदा” खेव्अ छा। अर जिक्अ च्यारूमेर तीर प पांच टपर्या बण मेली छी।
क्युं क वांकी या मानत्या छी क एक खास बगत मं परमेसर का सरगदूत कुण्ड मं उळर पाणी न्अ हलाव्अ छा। अर पाणी क हालताई ज्यो मनख सबसु पेली कुण्ड मं उळ जाव्अ छो, वो नीका हो जाव्अ छो। वो छाव्अ कस्या बी रोगहाळो होव्अ।
पण जिन्अ आपा कोन देखर्या बीकी आस करां छा तो थरचा सुं बीकी बाठनाळा छा।
अस्यान ह भायाओ, परबु क आबा ताणी थावस रांखो। उं कसाण प्अ ध्यान द्यो जिबेई धरती की फसल घणी मायना राख्अ छ उंकी आस करता होया वो चौमासा की पेली बरखा सुं लेर स्याळा की मावठ ताणी थावस रांख्अ छ।