5 ई बजेसुं वो सामरया का सुखार नांऊ का नगर मं आयो। यो नगर उं जमी क सांकड्अ छो जिन्अ आपणा आग्लाबड़ा याकूब खुदका छोरा यूसुफ न्अ दियो छो।
वो खुदका दूता न्अ पेलीई खन्दा दियो छो वे चलग्या अर बी बेई तियारी करबा बेई एक सामरया का गांव मं पुच्या।
कांई तु म्हाका आग्लाबड़ा याकूब सुं बड़ो छ, ज्यो म्हान्अ यो कुवो दियो छ? वो खुद अपणी ओलाद अर अपणा ज्यानबरा समेत इम्अ सुं पाणी पियो छो।”
उं बेरबानी की बाता सुणर क, “ज्यो म करी छु वे सबळी बाता मन्अ बता दियो।” ई बजेसुं उं नगर का घणासारा सामरी मनख ईसु प बस्वास कर्या।
आग्लाबड़ा याकूब को कुवो बी उण्डअ छो। ईसु ई यात्रा मं घणु थाकग्यो छो जिसुं वो कुवा कन्अ बेठग्यो। वा अन्दाजन दोपेर की बगत छी।
उं बगत उंका चेला खाणो मोल लेबा नगर मं जा मेल्या छा।