जुवाब मं ईसु बोल्यो, “समौन, योना का छोरा! तु भागहाळो छ क्युं क थन्अ ये बाता मनखा की ओड़ी सुं कोन्अ पण सरग मं बेठ्या म्हारा परम-पिता की ओड़ी सुं दर्सी छ।
परमेसर की ओलाद का रूप मं वे न्अ तो कुदरती तरीका सुं पैदा होया छा, न्अ काया की मन्सा सुं अर न्अ माई-बाप की मन्सा सुं। पण वे परमेसर की मन्सा सुं आत्मिक रूप सुं पैदा होया छा।
अर ई जगत मं राज करबाळो सेतान वां मनखा की बुद्धि न्अ ज्यो बस्वास कोन करअ बांध मेल्यो छ। जिसुं वे मसी ज्यो परमेसर को रूप छ उंकी महमा सुं भर्या उजाळा का चोखा समचार न्अ कोन समझ्अ।
पण ज्यो ज्ञान सरग सुं आव्अ छ, वो पेली तो पवितर होव्अ छ, फेर मेलमिलाप हाळो, प्यारो, बात मानबाळो अर दीया सुं भरया अर चोखा फळा सुं लदेड़ो अर बना भेदभाव हाळो अर खरो होव्अ छ।
“लौदीकिया का बस्वास्या की टोळी का सरगदूत न्अ या माण्ढ; ज्यो ‘आमीन’ छ, बस्वास क लायक छ अर सांचो गुवा छ, ज्यो परमेसर की सृष्टी को राजो छ। वो अस्यान खेव्अ छ,