3 समौन पतरस बासुं बोल्यो, “म मछ्या पकड़बा जार्यो छु।” वे बीन्अ बोल्या, “म्हे बी थारी लार चाल्अला।” अस्यान वे एक नावड़ा मं गिया, पण वे सारी रात मं कांई बी कोन्अ पकड़या।
समौन खियो, “परबु मै सारी रयात का घणी मेनत कर्या छा, पण म्हान्अ कांई कोन्अ मल्यो, पण थे खेर्या छौ जिसुं मं ज्याळ पटक द्यु छु।”
ह भाई-बेणो, थे म्हाका रात-दन का कळ्डा बाथेड़ा न्अ अर मुसिबतां न्अ याद रखाणो जिन्अ म्हे जिसुं कर्या छा क परमेसर का चोखा समचार न्अ सुणाता होयां म्हे थांक्अ उपरअ बोझ कोन बणा।
अस्यान न्अ तो वो ज्यो बीज बायो, बड़ो छ, अर न्अ वो ज्यो उन्अ पाणी पायो छ। पण बड़ो तो परमेसर छ ज्यो उन्अ बढ़ायो छ।
अर मन्अ अर बरनबास न्अ अधिकार कोन कांई क, जीबा बेई काम करबो छोड़ देवा?
थें खुद जाणो छो क यां हाथा सुंई म म्हारी अर म्हारी लारका की सबळी जुरता पूरी कर्यो छु।
अर बाको काम-धंधो एक'ई छो तो वो बाकी लेरअ'ई रुक्यो अर काम करबा लागग्यो। वे तम्बू-ड़ेरा बणाबा को काम करअ छा।
अर उजाळो होता'ई ईसु तीर प ऊबो होगो, पण चेला कोन्अ जाण्या क यो ईसु छ।