तो आवो आपा सांचा मन सुं अर पूरा बस्वास की लार, मन का बरा बिचारा न्अ आंतरअ करबा बेई छांटो देर पवितर करार, काया न्अ पवितर पाणी सुं धुपार परमेसर क सांकड्अ जावां।
क्युं क वे खाली खाबा-पीबा की चीजा, अर न्हाबा-धोबा का बारे सुं साफ करबा का भांत-भांत का मनखा का निम छ। ज्योबी बगत ताणी ठेरायाग्या छ जद ताणी परमेसर नयो तरीको लागु कोन करअ।