म्हारी ओर लळ्डया बी छ, ज्यो ई बाड़ा की कोन्अ। मन्अ बान्अ बी लेर आणो छ। वे बी म्हारी सुण्अली अर ई बाड़ा मं आर एक हो जाव्अली। फेर सबळां को एक'ई गुवाळ होव्अलो।
कोई म्हारी सेवा करबो छाव्अ तो उन्अ म्हारअ पाछ्अ आणो पड़्अलो, जिसुं जड़अ म छु बड़अ म्हारो सेवक बी रेव्अलो। कोई म्हारी सेवा करअ तो म्हारो परमेसर बाप बी बीको आदरमान करअलो।”
ई बजेसुं पिलातुस बीसुं पूछ्यो, “फेर कांई तु को राजो छ?” ईसु बोल्यो, “तु खेर्यो छ क म राजो छु। ई काम क ताणी ई म ई संसार मं आर जनम लियो छु, क सांच का बारा मं बोलु। ज्यो सांच की ओड़ी को छ वो म्हारी सुण्अ छ।”
लाड़ो वोई छ जिन्अ लाड़ी मल्अ छ। पण लाड़ा को भायलो ज्यो उंकी आवभगत मं उबो रेव्अ छ जद्या वो लाड़ा की आवाज सुणअ छ तो घणो राजी होव्अ छ। म्हारी याई खुसी अब पूरी होई छ।
अर बस्वास का मालिक अर बस्वास न्अ सिद्ध करबाळा ईसु की ओर न्हाळता रेवां। ज्योबी खुसी क ताणी ज्यो बीक्अ आग्अ मली छ लाज की कांई बी परवा कर्या बना करूस को दुख सह लियो। अर सिंहासन माळ्अ परमेसर की जीवणी-बगल जा बेठ्यो।