32 फेर यूहन्ना या गुवाई दियो, “म आम्बर सुं कबुतर की न्याई आत्मा न्अ ईप्अ उतरतो देख्यो छु।
अर फेर ईसु बतिस्मो ले लियो तो जस्यानई वो पाणी क बारअ नखळ्यो तो, आम्बर खुलग्यो। वो परमेसर का आत्मा न्अ कबुतर की नाई तळ्अ उतरतो अर खुदक्अ उपरअ आतो देख्यो।
जस्यान'ई वो पाणी मं सुं बारअ नखळ्यो वो बादळा न्अ खुलतो देख्यो। अर देख्यो क पवितर-आत्मा एक कबुतर की न्याई उंक्अ उपरअ उतररी छ।
अर पवितर-आत्मा एक कबुतर की न्याई की काया म होर उंक्अ उपरअ उतर्यो। अर आकासवाणी होई, “तु म्हारो लाड़लो छोरो छ मं तसुं राजी छु।”
पेली म खुद बी कोन जाण्अ छो क वो कुण छ पण जिसुं बतिस्मो देतो आर्यो छु क इजरायल का लोगबाग उन्अ जाणले।”
वो गुवाई देबा आयो छो, क वो मनखा न्अ उजाळा का बारा मं बता सक्अ। जिसुं सबळा उंकी बजेसुं उं उजाळा मं बस्वास कर सक्अ।
म्हारी ओड़ी सुं गुवाई देबाळो कोई ओर छ, अर म जाणु छु क वो ज्यो म्हारअ बेई खेव्अ छ वा सांची छ।