ई दुष्ट अर व्यभिचारी पीढ़ी का मनख कोई चमत्कार देखबो छाव्अ छ। पण वान्अ योना का नसाण क अलावा ओर दूसरो नसाण कोन्अ दखायो जावलो।” फेर वो वान्अ छोड़र चलग्यो।
“कोई बी मनख एकलार दो मालिका की सेवा कोन्अ कर सक्अ। वो तो एक सुं बेर अर दूसरा सुं हेत रखाण्अलो, या फेर एक को मान अर दूसरा को नरादर करअलो। थे परमेसर अर माया दोन्या की सेवा एकलार कोन्अ कर सको।
अर ज्यो थे संसार का होता तो संसार थासुं हेत रांखतो। क्युं क थे ई संसार का कोन्अ ई बजेसुं क म थान्अ संसार मं सुं चुण्यो छो, अर जिसुं यो संसार थासुं बेर रांख्अ छ।
थान्अ कांई लाग्अ छ क म मनखा को साथ चाऊ छु या फेर परमेसर को? या फेर म मनखा न्अ राजी करबा की जोरी करू छु? म मनखा न्अ राजी करतो तो म मसी की सेवा करबाळो कोन होतो।