“गरूजी, मूसा खियो छ क ज्यो कोई बना ओलाद क मर जाव्अ तो उंको भाई, सांकड्अ को लाकती को हेबा की बजेसुं उंकी रांडबेर सुं बियाऊ करअ अर खुदका भाई को बंस चलाबा बेई ओलाद पैदा करअ।
अस्यानको कुण छ ज्यो म्हान्अ दोषी ठेराव्अलो? मसी ईसु वो छ ज्यो मरग्यो अर इसुं बी खास तो या छ क उन्अ फेरू जीवतो कर्या छ ज्यो परमेसर क जीवणी-बगल म बेठ्यो छ अर आपण्अ बेई अरदास बी करअ छ।
अर ई जगत मं राज करबाळो सेतान वां मनखा की बुद्धि न्अ ज्यो बस्वास कोन करअ बांध मेल्यो छ। जिसुं वे मसी ज्यो परमेसर को रूप छ उंकी महमा सुं भर्या उजाळा का चोखा समचार न्अ कोन समझ्अ।
अर बस्वास का मालिक अर बस्वास न्अ सिद्ध करबाळा ईसु की ओर न्हाळता रेवां। ज्योबी खुसी क ताणी ज्यो बीक्अ आग्अ मली छ लाज की कांई बी परवा कर्या बना करूस को दुख सह लियो। अर सिंहासन माळ्अ परमेसर की जीवणी-बगल जा बेठ्यो।
क्युं क जद म्हे थान्अ आपणा परबु ईसु मसी की तागत अर आबा को समचार दिया छा, तो यो मनघड़न्त कथा-कहाणी की जस्यान कोन्अ छो, पण म्हे खुद बीकी मेमा न्अ आंख्या देख्या छा।
पण अब आपा उजाळा मं चालर्या छा क्युं क उजाळा मंई परमेसर छ जिसुं आपा बस्वास्या का रुप मं एकलार छा, अर परमेसर का छोरा ईसु को लोई आपान्अ सबळा पापा सुं साफ कर देव्अ छ।