देखो कोई मनख ज्यो दखावा का काम सुं या फेर सरगदूता की पूजापाठ सुं थान्अ थांका फळ न्अ पाबा सुं आंतरअ कोन करदे। अस्यानको मनख सदाई अस्यान का दर्साव का झूंट बोलतो रेव्अ छ अर खुदकी संसार की सोच की बजेसुं झूंटा घमण्ड सुं भर्यो रेव्अ छ।
साउचेत रेवो क थान्अ खुदका वां संसार का बच्यार अर फालतु प्रपंचा सुं धोखो कोन देव्अ ज्यो मनखा सुं मल्अ छ, या मसी की देन कोन्अ पण जगत मं राज करबाळी आत्मा की देन छ।
केई तरा की अण्जाण सक्ष्या सुं भरमाबा मं आर सांचा गेल्ला सुं मत भटकज्यो। क्युं क थांका मन क ताणी यो चोखो छ क खाबा-पीबा का निमा की बजाय दीया सुं मजबूत होव्अ। क्युं क खाबा-पीबा का निम मानबाळा न्अ बासुं कोई फायदो कोन्अ होयो।
ह म्हारा प्यारा भायलाओ, हरेक आत्मा को बस्वास मत करो पण सदाई वान्अ परखर देखो क वे परमेसर का छ क कोन्अ। या म थान्अ जिसुं खेर्यो छु क्युं क घणा परमेसर की ओड़ी सुं झूंटमाट बोलबाळा संसार मं भरया छ।