5 क्युं क थान्अ या जरूर जाणणी चायजे क रण्डीबाज, लुच्चो अर लालची मनख ज्यो एक मूर्ति पुजबाळा जस्यान को छ, बीक्अ ताणी मसी अर परमेसर का राज मं कोई पांती कोन्अ
अब म थान्अ परमेसर अर उंकी दीया का चोखा संदेसा का हाथा मं सुपर्यो छु। बोई थान्अ बणा सक्अ छ अर थान्अ वा मनखा की लार ज्यांन्अ पवितर कर्यो जा चुक्यो थांकी बापोती दुवा सक्अ छ।
मन मं रोष, नसो, रंगरेळ्या अर अस्यान की ई ओर बाता बी म थान्अ बतायो छो। अब म थान्अ या बाता का बारा मं चतार्यो छु क ज्यो मनख अस्यान की बाता मं लार रेवला, वे परमेसर का राज को वारिस कोन होव्अला।
पण जादू-टोणो करबाळा, व्यभिचारी, हत्यारा, मूर्ति पुजबाळा अर हरेक वो मनख ज्यो झूंट प्अ चाल्अ छ अर झूंटा सुं परेम करअ छ, वे हडक्या गण्डकड़ा की नाई बाण्अ'ई पड़्या रेव्अला।