पण आपान्अ तो बा कन्अ या माण्ढर खन्दाणी चायजे क; थें मूरत्या प चढ़ायो प्रसाद मत खाज्यो। अर वेभिचार सुं बच्या रेवो। न्याड मरोड़र मार्या ज्यानबर न्अ मत खाज्यो अर लोई न्अ मत पीज्यो।
क थे उंकी मान मनुवार अस्यान करो जस्यान परबु का लोग करणी चायजे। उन्अ ज्योबी चायजे थे उम्अ उंकी सायता करज्यो क्युं क वा घणा मनखा की सायता करी अर म्हारी बी सायता करी छी।
खुदकी काया का हस्सा न्अ अधर्म का साधन की न्याऊ पाप का हाथा मं मत सुंपो। पण मरया मंसुं जीवतो होबाळा की जस्यान परमेसर का हाथा मं सुंपद्यो। अर खुदकी काया का हस्सा न्अ धरम का साधन की न्याऊ परमेसर का हाथा मं सुंपद्यो।
म्हारा सुणबा मं आयो छ क थांक्अ मायन्अ कुकर्म फेलर्यो छ अर अस्यान का कुकर्म ई पापी दनीया का मनख बी कोन्अ करअ। अर घणा तो खुदकी सौतेली माई की लारां बी काळो मूंडो करअ छ।
खेबा मं ई आव्अ छ क “रोटी पेट बेई अर पेट रोटी बेई छ।” पण हां, परमेसर दोन्यान'ई नास कर देव्अलो। आपणी काया कुकर्म करबा बेई कोन्अ पण परबु की सेवा करबा बेई छ। अर काया को कल्याण तो परबु करअलो।
क्युं क थान्अ या जरूर जाणणी चायजे क रण्डीबाज, लुच्चो अर लालची मनख ज्यो एक मूर्ति पुजबाळा जस्यान को छ, बीक्अ ताणी मसी अर परमेसर का राज मं कोई पांती कोन्अ
थे थांकी जन्दगी न्अ मसी का चोखा समचार की सीख की जस्यान जीओ। जिसुं म थांका बारा मं यो सुण सकुं क थे एक मन सुं अर एक मकसद सुं मजबूत होर चोखा समचार का बस्वास ताणी बाथेड़ो करर्या छो। चाये म थांक्अ सांकड्अ आंउ या कोन्अ आंउ।
वांको तो मुण्डो बन्द कर्यो जाणोई चायजे। क्युं क वे ज्यो बाता सखाबा की कोन्अ वान्अ ई सखार घरका घर उजाड़र्या छ। बराई का गेल्ला सुं धन कमाबा बेई वे अस्यान करअ छ।
क परमेसर की बी टोळी की, ज्यो थांक्अ बीच मं छ रुखाळी करो। अर बेमन सुं नही पण परमेसर की मनसा की जस्यान राजी होर, अर कमाई का लालच सुं नही पण सेवा की मन्सा सुं मन लगार करो।
वे लोभ की बाता घड़र थान्अ खुदका फायदा को साधन बणावला, अर जी सजा की आज्ञा बां माळ्अ पेली सुं होगी, बीन्अ आबा मं थोड़ी बी बगत कोन्अ, अर वांको बिनास उंघर्यो कोन।
पण जादू-टोणो करबाळा, व्यभिचारी, हत्यारा, मूर्ति पुजबाळा अर हरेक वो मनख ज्यो झूंट प्अ चाल्अ छ अर झूंटा सुं परेम करअ छ, वे हडक्या गण्डकड़ा की नाई बाण्अ'ई पड़्या रेव्अला।